🖊✏️राजस्थानी के साहित्य-सम्बन्धी शब्द -
🖊ख्यात : राजस्थानी साहित्य के इतिहासपरक ग्रंथ जिनकी रचना तत्कालीन शासकों ने अपनी मान मर्यादा एवं वंशावली के चित्रण हेतु करवाई हो, ख्यात कहलाती है।
✏️वंशावली : राजवंशों की वंशावलियां विस्तृत विवरण सहित।
🖊वात : वात का अर्थ ऐतिहासिक, पौराणिक, प्रेमपरक व काल्पनिक कथा या कहानी से है।
✏️प्रकास : किसी वंश या व्यक्ति विशेष की उपलब्धियों पर प्रकाश डालने वाली कृतियां।
🖊वचनिका : यह गद्य-पद्य तुकांत रचना होती है।
✏️मरस्या : राजा या किसी व्यक्ति विशेष की मृत्यु के बाद शोक व्यक्त करने के लिए रचित काव्य।
🖊दवावैत : यह उर्दू फारसी की शब्दावली से युक्त राजस्थानी कलात्मक लेखन शैली है।
✏️रासौ : राजाओं की प्रशंसा में लिखे गये विशाल काव्य ग्रंथ।
🖊वेलि : राजस्थानी वेलि साहित्य में शासकों व सामंतों की वीरता, इतिहास, उदारता व वंशावली का उल्लेख होता है।
✏️विगत : इतिहास परक रचनाएं।
🖊निसाणी : किसी व्यक्ति या घटना का स्मरण दिलाने वाली रचना।
इनमें से ख्यात, वात, विगत, वंशावलि - गद्य रूप में होतीं हैं जबकि निसाणी, गीत, रासौ, वेलि पद्य रूप में होते हैं।
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