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📝 हवा महल ( जयपुर) 📝
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* निर्माण : 1799 ई० सवाई प्रताप सिंह द्वारा
* वास्तुकार : लालचंद उस्ता
* आकृति : भगवान कृष्ण के मुकुट समान एवं पिरामिडल आकृति
* कुल खिड़किया : 953
* जाली झरोखें : 365
* उपनाम = लाल मंदिर (लाल पत्थरों से निर्मित होने के कारण)
* हवामहल की दूसरी शताब्दी सन् 1999 ई० में मनाई गई।
* यह पांच मंजिला इमारत हैं --👇👇
√ प्रथम मंजिल - शरद मन्दिर या प्रताप मन्दिर
√ द्वितीय मंजिल - रतन मन्दिर
√ तृतीय मंजिल - विचित्र मन्दिर
√ चतुर्थ मंजिल - प्रकाश मन्दिर
√ पांचवी मंजिल - हवा मन्दिर
* 1983 ई० में इसे हवा महल संग्रहालय के रूप में परिवर्तित किया गया।
😎😎By... Rajasthan GK Affairs ✍️✍️📚📚
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